कोलकाता,आइएएनएस।सीबीआईनेअबपश्चिमबंगालस्कूलसेवाआयोगभर्तीघोटाले(WBSSCRecruitmentScam)मेंमनीट्रेल(धनकेहेरफेर)कापतालगानेकेलि […]
सोमवार को बुखार डेस्क खाली था। वहां एक भी डाक्टर मौजूद नहीं थे। कक्ष संख्या-नौ में डा. एचके मिश्र, डा. राकेश पांडेय, कक्ष संख्या-10 में डा. विजय कुमार गुप्ता, डा. प्रतीक केजरीवाल, कक्ष संख्या-11 में डा. एसएस द्विवेदी व डा. महेंद्र प्रसाद, कक्ष संख्या-चार में सर्जन डा. गुलाम नबी, बाल रोग विभाग में डा. एएम वर्मा, नेत्र रोग विभाग में डा. प्रकाश श्रीवास्तव बैठे। बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे। दोपहर बाद तकरीबन एक बजे अधिकांश चिकित्सकों का कक्ष खाली हो गया। डाक्टरों के आने की प्रतीक्षा में मरीज बैठे रहे। लेकिन डाक्टर अपने कक्ष में नहीं पहुंचे। जिससे उन्हें इलाज नहीं मिल सका। हड्डी रोग विभाग में मरीजों को सर्वाधिक परेशानी उठानी पड़ी। डा. पीएन कन्नौजिया का कक्ष खुला रहा, वह स्वयं आपरेशन में व्यस्त रहे, जबकि उनके कक्ष में मेडिकल कालेज के डाक्टर मरीजों को देखे। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आनंद मोहन वर्मा ने बताया कि डाक्टरों को समय से बैठकर मरीजों का इलाज करने का निर्देश दिया गया है। इसमें लापरवाही पर कार्रवाई की जाएगी। मानसिक रूप से परेशान अपने गांव के एक युवक मोहन राजभर को दिखाने आया हूं। मानसिक रोग विभाग में डाक्टर नहीं है। कब बैठेंगे इसका कोई ठिकाना नहीं है।