जागरणसंवाददाता,होशियारपुर:होशियारपुरकेगांवबजवाड़ामेंशिवालाबाउलीवालाशिवमंदिरश्रद्धालुओंकीआस्थाकाकेंद्रहै।वैसेतोसारासालभक्तसुबहसेलेकरशामयहांआकरभगवानभोलेनाथकीपूजाअर्चनाकरतेहैंलेकिनसावनकेमाहमेंपूरादिनश्रद्धालुओंकामंदिरमेंतांतालगारहताहै।हररोजसैकड़ोंश्रद्धालुनतमस्तकहोरहेहैं।भोलेकेप्रतिश्रद्धाकाइजहारकरभक्तमनोकामनाएंमांगरहेहैं।प्रतिदिनपूजाअर्चनाकादौरचलरहाहै।तड़केकपाटखुलतेहीआस्थाकासैलाबउमड़रहाहै।मंदिरकाइतिहास
लगभग18सालपहलेखुदाईसेनिकलायहमंदिरसदियोंपुरानाबतायाजाताहै।सेवादारराजकुमारनेबतायाकिजबमंदिरकीखुदाईहुईतोपुरात्नविभागकेअधिकारीआएथे।उन्होंनेजांचकरकेबतायाथाकिमंदिरकाफीप्राचीनहैऔरसमयकेसाथमिट्टीमेंलुप्तहोगयाथा।वैसेभीहोशियारपुरचोकाइलाकाहैऔरअनुमानलगायाजाताहैकिकभीआईबाढ़सेभारीमात्रामेंमिट्टीमेंयहदबगया।उन्होंनेमूर्तियोंकीजांचकरकेबतायाथाकियहमुग्लकालसेपहलेकाहै।मंदिरमेंखुदाईकेदौरानशिवलिग,मातागौरी,श्रीगणेश,नंदीमहाराजवभगवानकार्तिककीमूर्तियांनिकलीहैं।जबखुदाईकीगईतोमंदिरसेप्राचीनबाउलीवसरोवरभीमिला।बाउलीअभीभीप्रयोगमेंहै।
सेवादारराजकुमारकोआयाथामंदिरकासपना
सेवादारराजकुमारनेबतायाकिउन्हेंहीसबसेपहलेमंदिरसंबंधीस्वप्नआयाथा।इसकेबारेमेंउन्होंनेलोगोंकोबताया,पहलेतोलोगोंनेमानानहीं,परंतुउन्हेंपूराविश्वासथा।जबउन्होंनेसपनेकेअनुसारतयजगहमेंखुदाईशुरूकीतोयहसचहोतादिखाईदेनेलगा।इसकेबादलोगोंनेमिलकरखुदाईशुरूकरदीऔरमंदिरनिकलआया।