राज्यब्यूरो,पटना:राजनीतिसेजुड़ेहरस्तरकेलोगअक्सरकहतेहैंकिइसमेंदोस्तीऔरदुश्मनी-दोनोंस्थायीनहींहोतीहै।व्यवहारमेंठीकइसकेउलटहोताहै।दोस्तीकमदिनोंकेलिएहोतीहै।दुश्मनीयाकटुताकाभावअधिकदिनोंतकबनारहताहै,लेकिनजदयूकेदोखासचेहरों(ललनसिंहऔरआरसीपीसिंह)केबीचकेलंबेरिश्तेमेंकभीकटुताकाभावनहींआया।दोनोंकेबीचसीमाओंकोलेकरभीकभीतकरारनहींहुई।उसछोटेकालखंडमेंभीदोनोंकेसंबंधसामान्यरहे,जबमुख्यमंत्रीनीतीशकुमारऔरललनसिंहकेबीचमनमुटावथा।इसेसामान्यबनानेमेंभीआरसीपीकीभूमिकारही।
किचेनकैबिनेट-किसीराजनेताकीविश्वस्तमंडलीकेलिएइसकाप्रयोगकियाजाताहै।नीतीशकीलंबीराजनीतिकपारीमेंउनकेइसकैबिनेटसेकईचेहरेजुड़ेऔरअलगहुए।लेकिन,जुडऩेकेबादसेलगातारजुड़ेरहनेकारिकार्डइन्हींदोनोंकेपासहै।छोटेअंतरालकोछोड़देंतोयेदोनोंएकबारजुड़ेतोअबतकजुड़ेहीरहेहैं।बीचकीअवधिमेंकईआए।कुछदिनरहेऔरगएतोफिरलौटेनहीं।ललनसिंहऔरआरसीपीकेबीचबेहतररिश्तेकीकईवजहेंहैं।दोनोंकालक्ष्यएकरहाहै-नीतीशकुमारकेहितोंकीरक्षा।लंबेसमयतकदोनोंकाकार्यक्षेत्रभीअलगरहा।
आलोचनाअनिवार्यपक्ष
आरसीपीनेमुस्तैदीसेप्रशासनिकप्रबंधनसंभाललिया।दूसरीतरफललनसिंहकेपासहमेशाराजनीतिकप्रबंधनकीजिम्मेदारीरही।आलोचनाअनिवार्यपक्षहै।इससेयेदोनोंभीअछूतेनहींरहे।फिरभीदोनोंकेप्रबंधनकौशलपरसवालनहींउठा,क्योंकिइनकेनतीजेआए।फरवरी2005केविधानसभाचुनावकेतत्कालबादजबलोजपाकेहाथसत्ताकीचाबीलगगईथी,ललनसिंहनेतालाबंदरहतेहुएविधायकोंकोलोजपाकेबंगलेसेनिकाललियाथा।उसकेबादतोसबकुछबदलगया।लोजपाकावहचाबीकांडआजभीमशहूरहै।संयोगदेखिएकिदोमहीनापहलेलोजपाकेइकलौतेविधायकराजकुमारसिंहजदयूमेंशामिलहोगए,इसमेंभीललनसिंहकीभूमिकाथी।
धीरे-धीरेसंठनमेंउनकीसक्रियताबढ़ी
तकरारतबभीनहींहुआजबदोनोंएकहीक्षेत्रमेंआगए।आरसीपीसिंह2010मेंराज्यसभामेंजानेकेबादसक्रियराजनीतिमेंआए।धीरे-धीरेसंठनमेंउनकीसक्रियताबढ़ी।इधरललनसिंहसंगठनसेअलगसरकारमेंआगए।इसबारदोनोंकेकेंद्रीयमंत्रीबननेकीसंभावनाथी।ललनसिंहकेमंत्रीनबननेकेसवालपरआरसीपीकीप्रतिक्रियाथीकिहमदोनोंअलगहैंक्या?अबदोनोंकीभूमिकाबदलगईहै।आरसीपीसरकारमेंहैं।ललनसिंहकेजिम्मेसंगठनहै।जदयूसंगठनमेंकेंद्रीयस्तरपरसत्ताकाहस्तांतरणजितनीआसानीसेऔरदोस्तानामाहौलमेंहुआ,वहभीआरसीपीऔरललनसिंहकेबीचरिश्तेकीपरिपक्वताकोहीजाहिरकरताहै।