रांची,जासं।1691मेंपुरीकीतर्जपररांचीमेंबनेऐतिहासिकजगन्नाथमंदिरकीकमेटीकोलेकरवर्षोंसेविवादचलरहाहै।मंदिरोंकापंजीयनऔरआय-व्ययकालेखा-जोखाझारखंडराज्यहिंदून्यासपर्षदसेसाझाकरनेकेराज्यसरकारकेहालियाफरमानसेजगन्नाथमंदिरकाकमेटीविवादसुलझनेकीउम्मीदजगीहै।मंदिरनिर्माताठाकुरविश्वनाथशाहदेवकेवंशजलालप्रवीरनाथशाहदेवनेबतायाकिमंदिरकीवैधकमेटीकेगठनकोलेकरएकबारफिरझारखंडराज्यहिंदून्यासपर्षदकादरवाजाखटखटायाजाएगा।

1950तकशाहदेवपरिवारकेजिम्मेथीमंदिरकीव्यवस्था

लालप्रवीरनाथशाहदेवकेअनुसार1950तकराजपरिवारहीमंदिरकासंचालनकरताथा।1950मेंतत्कालीनबिहारसरकारनेहिंदूधार्मिकन्यासपर्षदकागठनकिया।इसकेबादमंदिरकासंचालनउसकेअधीनहोगया।1950से1979तकठाकुरदेवेन्द्रनाथशाहदेवमंदिरकेसिंगलट्रस्टीरहे।वहींमंदिरकेसंचालनकेलिए15सदस्यीयकमेटीबनाईगईथी।हालांकियहस्थिति1979तकबनीरही।इसकेबादरामरतनरामकमेटीकेअध्यक्षबनेऔरतत्कालीनउपायुक्तपदेनसचिव।तमामविवादोंकेबीच1996तककमेटीचलतीरही।

जबभ्रष्टाचारकामामलासामनेआतेहीउपायुक्तनेकरलियाथामंदिरसेकिनारा

1996मेंमंदिरमेंभ्रष्टाचारकामामलासामनेआयाथा।उससमययहमामलाकाफीतूलपकड़ाथा।इसकीजानकारीहिंदूधार्मिकन्यासपर्षदतकभीपहुंची।इसकेबादतत्कालीनउपायुक्तनेसचिवपदसेइस्तीफादेदिया।उपायुक्तकेकिनारेहोतेहीकमेटीसेजुड़ेअन्यअधिकारियोंनेभीमंदिरसेखुदकोअलगकरलिया।तबसेकमेटीकोलेकरविवादचलरहाहै।फिलहालमंदिरकमेटीगठनकामामलाहाईकोर्टमेंचलरहाहै।

1996-97मेंजगन्नाथमंदिरकोराष्ट्रीयधरोहरघोषितकियागया

जगन्नाथमंदिरको1996-97मेंराष्ट्रीयधरोहरघोषितकियागयावमंदिरमेंकिसीभीप्रकारकीतोड़फोड़पररोकलगादीगई।इसकेखिलाफतबकीकमीथीहाईकोर्टपहुंचेकल5सालोंकीसुनवाईकेबाद2001मेंहाईकोर्टनेमंदिरकोराष्ट्रीयधरोहरघोषितकरनेकेनिर्णयपरअपनीमुहरलगादी।