फोटो22आरपीआर10,11,12
संवादसहयोगी,रूपनगर:रूपनगरकेअंतर्गतपड़तेसर्वधर्मसत्कारतीर्थधमानाकलांमेंपूर्वजोंकीयादमेंजारीसत्संगमेंबड़ीसंख्यामेंसंगतजहांबाबाप्यारासिंहजीकेप्रवचनसुनरहीहै,वहींबाबाजीकेमार्गदर्शनमेंसंगतजंगलोंमेंजाकबेजुबानपशुपक्षियोंकोचारावअनाजभीडालरहीहै।रविवारकोसत्संगमेंबाबाजीनेकहाकिधरतीपरजन्मलेनेवालेहरमनुष्यकाजीवनदुखवसुखकेसाथजुड़ाहुआहै।जोमनुष्यइससत्यकोनहींमानतेवेदुखतोदुखीहोकरझेलतेहैं,लेकिनसुखआनेपरउसकासहीआनंदभीनहींलेपाते।उन्होंनेकहाकिअगरसुखकासहीआनंदलेनाहैतथादुखदौरानदुखीनहींहोना,तोहरस्थितमेंप्रभुकासिमरनकरें।बाबाजीनेकहाकिकिसीकाबुरामतकरोक्योंकिबुराईकरनेसेकमायाहुआपुण्यसमाप्तहोजाताहै।बाबाजीनेगऊ-गरीबकीसेवाकरनेकेसाथसाथहरधर्म,ग्रंथ,जातितथावर्गकासम्मानकरतेरहनेकेलिएभीसंगतकोप्रेरितकिया।उन्होंनेकहाकिदुखकाकारणकेवलयहीहैकिहमअपनेपूर्वजोंकीसंस्कृतिवसिद्धांतोंकोभूलचुकेहैं,जोसंस्कृतिहमेंमाता-पितावगुरुकासत्कारकरनेकीशिक्षादेतीथी,उसेआजकावर्गभूलताजारहाहै।बाबाजीनेकहाकिसिद्धांतोंवसंस्कृतिकोभूलनाहीकलयुगहैतथाइसकलयुगसेमुक्तिपानेकेलिएहरकिसीकोअपनेपूर्वजोंकीसंस्कृतिवसिद्धांतोंकोअपनानाहोगा।इसमौकेबड़ीसंख्यामेंपहुंचीसंगतनेबाबाजीकेद्वाराबनवाएगएश्रीशनिदेवमंदिरसहितश्रीदुर्गामंदिर,श्रीविष्णुमंदिर,श्रीवरुणदेवमंदिर,श्रीसूर्यदेवमंदिर,श्रीशेषनागमंदिर,श्रीमस्तबाबामंदिरतथाइतिहासगढ़साहिबमेंअखंडज्योतिकेदर्शनकरतेहुएसुखकीकामनाकी।इसमौकेलंगरभीलगायागया।
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