मंडी,जेएनएन।पूर्वकेंद्रीयमंत्रीसुखरामऔरपूर्वमुख्यमंत्रीवीरभद्रसिंहगिलेशिकवेमिटावर्षोंबादमिलेहैं।दिल्लीमेंदोनोंदिग्गजोंकीमुलाकातहुई।दोनोंनेएक-दूसरेकोगर्मजोशीसेगलेलगायाऔरमुस्कराकरकाफीदेरबातेंकी। पुरानेविवादोंकोदरकिनारकरएकजुटहोकरकामकरनेकानिर्णयलिया।

वीरभद्रसिंहवसुखरामकेबीच36काआंकड़ारहाहै।दिल्लीमेंवीरभद्रसिंहकेआवासपरयहमुलाकातहुई।इसदौराननेताप्रतिपक्षमुकेशअग्निहोत्रीदोनोंनेताओंकेमिलनकाफोटोखींचतेदिखे।सुखरामने1962मेंसदरहलकेसेअपनाराजनीतिकसफरशुरूकियाथा।वहीं,वीरभद्रसिंहने1962मेंमहासूसीटसेअपनीपारीशुरूकीथी।वीरभद्रसिंह1971मेंमंडी संसदीयक्षेत्रसेसांसदबने।सुखराम1984मेंपहलीबारमंडीसेसांसदचुनेगएथे।सुखरामकेंद्रकीराजीवगांधीवनरसिम्हारावसरकारमेंमंत्रीरहेहैं।

ऐसेबढ़ाथाविवाद

1996मेंसुखरामकेघरसीबीआईकीरेडहुईथीसुखरामउससमयलंदनमेंथे।उन्‍होंनेवीरभद्रपरघरमेंपैसेरखवानेकाआरोपलगायाथा।इसप्रकरणकेबादकांग्रेसनेसुखरामकोपार्टीसेबाहरकरदियाथा।सुखरामने1998मेंहिमाचलविकासकांग्रेस(हिविकां)कागठनकिया।उनकीपार्टीविधानसभाचुनावमें5सीटेंजीतलीं।कांग्रेसकोसत्तासेबाहरकियावभाजपाकेसाथमिलकरसरकारबनाई।इससेदोनोंकेबीचदूरियांबढ़तीगईं।