गोरखपुर,जेएनएन।महंतअवेद्यनाथसेजबएकबारउनकीबचपनकीस्मृतियोंकीचर्चाकीगईतोअपनीचिर-परिचितमुस्कानकेसाथकहाथाकिसन्यासीकाकोईबचपननहींहोता।दीक्षाकेसाथहीपिछलेजीवनसेउसकानाताटूटजाताहैऔरवहनयाजीवनप्राप्तकरताहै।ऐसेमेंउनकेब्रह्मलीनहोनेसेपहलेजन्मकीतारीखकोलेकरकभीकोईचर्चानहींहुई।परअबभक्तपरंपराकेलोगउनकीजैविकजन्मतिथियानी28मईकोजयंतीकेतौरपरमनारहेहैंतोअवसरहैकिहमउनकीउनखूबियोंकोयादकरें,जिसकेचलतेवहदेशमेंराष्ट्रसंतकेरूपमेेंप्रतिष्ठितहुए।

संतसमाजकेलिएप्रेरणाबने

उनकेसंतव्यक्तित्वकीसबसेबड़ीखूबीमानवताप्रेमऔरसमरसताकेप्रतिप्रतिबद्धताथी।उन्होंनेअपनासाराजीवनइसीउद्देश्यकोपूराकरनेमेंसमर्पितकरदिया।बतौरगोरक्षपीठाधीश्वरउन्होंनेअपनेइसउद्देश्यकोपूराकरनेकेलिएऐसे-ऐसेकार्यकिए,जोसमूचेसंतसमाजकेलिएप्रेरणाबनगए।पदकामान-सम्मानत्यागकरवहदेशभरकेनगर,गांवऔरगलियोंतकसामाजिकसमरसताकासंदेशलेकरगए।दलितों-अछूतोंकेसाथनकेवलखुदबैठकरभोजनकियाबल्किसहभोजकेमाध्यमसेसमाजऊंच-नीचकाभेदभावसमाप्तकरनेकीएकपरंपराविकसितकी,जिसकापालननाथपीठअभीभीपूरीश्रद्धाकेसाथकररहीहै।

मठ-मंदिरोंमेंसभीकाप्रवेशसुनिश्चितकराया

महंतअवेद्यनाथनेमठ-मंदिरोंमेंसभीकाप्रवेशसुनिश्चितकराया।सभीजातिकेभक्तोंकेभक्तोंकोमठ-मंदिरमेंपुजारीबनाएजानेकानकेवलसमर्थनकियाबल्किइसकीअगुवाईभीकी।एकबारजबपुरीकेशंकराचार्यनेकहाकिमहिलाओंकोवेदपढ़नेकाअधिकारनहींतोइसकेविरुद्धजोआवाजमुखरहुई,वहथीमहंतअवेद्यनाथकीआवाज।उनकीइसपरंपराकोशिष्यववर्तमानगोरक्षपीठाधीश्वरयोगीआदित्यनाथपूरीश्रद्धाकेसाथनिभारहेहैं।

डोमराजाकेघरकियाथाभोजन

सामाजिकसमरसताकीडोरमजबूतकरनेकीदिशामेंमहंतअवेद्यनाथकेजिसकदमकोसर्वाधिकयादकियाजाताहै,वहहैकाशीकेडोमराजसुजीतचैधरीकेघरभोजनग्रहणकरना।जातपातकाबंधनतोड़नेकेलिएयहकदमउन्होंने18मार्च1994कोउठायाथा।जबवहदेशभरकेसंतोकेसाथडोमराजाकेघरभोजनकेलिएपहुंचेथे।यहघटनाकोसामाजिकसमरसताकाचरमोत्कर्षकहाजाएतोगलतनहींहोगा।

दलितसेरखवाईराममंदिरकीपहलीईंट,हनुमानमंदिरमेंबैठायादलितपुजारी

सामाजिकसमरसताकोकायमकरनेगोरखनाथमंदिरकीभूमिकाकीचर्चामेंब्रह्मलीनमहंतअवेद्यनाथसेजुड़ेदोप्रसंगऔरभीकाफीचर्चितहै।पहलायहकिउनकेप्रस्तावपरहीअयोध्याकेश्रीराममंदिरकेशिलान्यासकीपहलीईंटएकदलितसेरखवाईगईथी।दूसराजबउन्होंनेपटनारेलवेस्टेशनपरमौजूदहनुमानमंदिरमेंउसदलितपुजारीकोफिरसेस्थापितकरायाथा,जिसेदलितहोनेकेनातेपदच्युतकरदियागयाथा।