पाली:नगरकेरामलीलामैदानमेंआयोजितकविसम्मेलनपररातभरकाव्यरसधाराबही।श्रोताओंनेकाव्यरचनाओंकोआनंदउठायाऔरतालियोंसेकवियोंकाउत्साहवर्धनकिया।

विधायकमाधवेंद्रप्रतापसिंहरानूनेपूर्वनगरपंचायतअध्यक्षकमलाकांतबाजपेईवप्रीतेशदीक्षितकेसाथकार्यक्रमकीशुरुआतकी।कवितापाठकाशुभारंभसर्वप्रथमएकताभारतीनेमाँशारदेकीवंदनापढ़करकिया।जिसेसुनकरवहाँपरउपस्थितश्रोतामाँशारदेकीभक्तीमेंडूबगए।पुनीतशुक्लनेअपनीकविताकेमाध्यमसेमाँकेमहत्वकोबताया।वहींशिवमकुमारशुक्लानेअपनेमुक्तकोंसेदेशभक्तिकीलहरदौड़ादी।उदयराजसिंहद्वाराजबअपनी़ग•ाल'मोहब्बतमेंगमकोउठाकरतोदेखो,दिलोंकोदिलोंसेमिलकरतोदेखो।मिलेंगीहमेशातुम्हेमंजिलेसब,जोखुदसेहीन•ारेंमिलाकरतोदेखो'कापाठकिया।जमुनाप्रसाद'अबोध'नेअपनीहास्यकीप्रस्तुतिसेलोगोंकोजमकरठहाकेलगवाए।पवनकश्यपनेअपनेगीतमैंगाऊंगागीतअनूठे,तुमकेवलबैठीरहनाकेद्वारादर्शकोंकोप्रेमरससेसराबोरकिया।प्रशांतबाजपेयी,डॉ.विजयलक्ष्मीशुक्ला,गुजरातसेआएहरेंद्रसिंहनेभीअपनीकाव्यप्रस्तुतकरवाहवाहीलूटी।मंचकासंचालनकानपुरसेआएकविमुकेशश्रीवास्तवनेकिया।आयोजकअमरप्रकाशबाजपेई,रामनरेशसिंहचौहान,सुखदेवपांडेय,विमलप्रकाशमिश्रा,श्यामसिंह,गिरीशदीक्षित,संदीपत्रिवेदी,पंकजमिश्रा,ऋषभकात्यायन,अनुरागअवस्थी,अजीतमिश्रा,रामूअग्निहोत्री,राजनबाजपेई,गोपालबाजपेई,अमितअग्निहोत्री,प्रदीपअवस्थी,आलोकशुक्ला,सचिनअवस्थीआदिमौजूदरहे।