-सुपौलकेअलावासहरसाऔरमधेपुरामेंभीलगातीहैंयोगशिविर
-अपनेघरपरप्रतिदिनकरतीहैंयोगशिविरकाआयोजनकईहुएहैंनिरोग
जागरणसंवाददाता,सुपौल:रितंभराभारतीकोसीकेइलाकेमेंलोगोंकोयोगकेसहारेनिरोगहोनेकेउपायबतारहीहैं।वेसुपौलकेअलावासहरसाऔरमधेपुराजिलेकेविभिन्नस्थानोंपरशिविरलगाकरलोगोंकोयोगकीजानकारीदेतीहैं।त्रिवेणीगंज,बभनगामामेंअपनेघरपरप्रतिदिनयोगशिविरलगातीहैं।...........पतंजलियोगपीठहरिद्वारसेलियाप्रशिक्षणपतंजलियोगपीठहरिद्वारसेयोगकाप्रशिक्षणप्राप्तकरनेकेबादइन्होंनेशहरों,कस्बोंवग्रामीणक्षेत्रोंमेंयोगशिविरकासंचालनकरइससेहोनेवालेफायदेकीजानकारीदेनाप्रारंभकिया।जिलायोगप्रचारकपदपरआसीनरितंभराबतातीहैंकिप्रारंभमेंशिविरमेंकमलोगआतेथेकितुजबलोगोंकीबीमारीयोगसेदूरहोनेलगीतोशिविरोंमेंलोगोंकीसंख्याबढ़नेलगी।बतायाकियोगसेअसाध्यरोगोंसेभीछुटकारामिलसकताहै।कोरोनाकालमेंभीइन्होंनेलोगोंकोइम्यूनिटीबढ़ानेवालेयोगकीजानकारीदेकरकोरोनासेलड़नेकाहौसलाबढ़ायाथा।......प्रतिदिनकरनाचाहिएयोगरितंभराकहतीहैंकिअनुलोम-विलोमसेशरीरकोप्रर्याप्तमात्रामेंआक्सीजनमिलतीहै।इससेरक्तसंचरणदुरुस्तरहताहै।लोगोंकोप्रतिदिनयोगकरनाचाहिए।उनकेयोगशिविरमेंभागलेकरबीमारियोंसेमुक्तहोनेवालोंकीतादादअच्छी-खासीहै।
--उपासनाकेंद्र--
जिलामुख्यालयसे15किमीकीदूरीपरबरुआरीस्थितदसमहाविद्यावनवग्रहमंदिरशक्तिउपासनाकेकेंद्रोंमेंसेएकमानाजाताहै।दुर्गापूजाकेदौरानयहांभक्तोंकासैलाबउमड़ताहैऔरभक्तसिद्धिहासिलकरतेहैं।बतायाजाताहैकिसदियोंपूर्वसेहीइसमंदिरमेंशक्तिसंप्रदायकेअनुयायियोंकाजमावड़ाहोताथाऔरवेयहांशक्तिउपासनाकरसिद्धिप्राप्तकरतेथे।
मंदिरकाइतिहास
बरुआरीड्योढ़ीकेलिखितश्रोतोंसेपताचलताहैकिइसमंदिरकीस्थापना17वींसदीकेउत्तरार्द्धमेंकीगईथी।स्थापनामेंपूर्णतांत्रिकपद्धतिकाअनुशरणहुआथा।कहाजाताहैकिशास्त्रोंमेंवर्णितसभीदेवी-देवताओंकीमूर्तिइसमंदिरमेंस्थापितहै।वर्गाकारआकृतिमेंबनेमंदिरकेउत्तरभागमेंमांदुर्गा,पश्चिममेंनरसिंहमंदिरतथामध्यमेंपवनसूतहनुमानकामंदिरअवस्थितहै।मंदिरकेगर्भगृहमेंकालेरंगकेपत्थरकीमांकाली,भुवनेश्वरी,त्रिपुरसुंदरी,छिन्नमस्तिका,महालक्ष्मीआदिमूर्तियांहैं।