संवादसहयोगी,पलवल:शारदीयनवरात्रकेदूसरेदिनभीमंदिरोंमेंपूजाकरनेवालेश्रद्धालुओंकातांतालगारहा।शहरकेऐतिहासिकदेवीमंदिरवपंचवटीमंदिरपरतोमेलेजैसामाहौलबनारहा।शुक्रवारकोसुबहसेहीमंदिरमेंपूजाअर्चनाकरनेवालीमहिलाओंकाआना-जानाशुरूहोगयाथा।दूसरेनवरात्रपरश्रद्धालुओंनेमांदुर्गाकेदूसरेस्वरूपमांब्रह्माचारिणीकीपूजाकरअपनेपरिवारकेलिएसुखवसमृद्धिकीप्रार्थनाकी।
पहलेदिनसुबहसेहीशहरकेमंदिरोंजंगेश्वरमंदिर,कामेश्वरमहादेवमंदिर,पंचोवनमंदिर,सनातनधर्ममंदिर,भूरागिरीमंदिर,खोंटामंदिर,शिवशक्तिमंदिर,माताकालीमंदिर,औरंगाबादकेदादीआसामाईमंदिर,बहीनकेदादाभूमियाजैसेअन्यबड़ेमंदिरोंमेंमहिलाओंनेमंदिरोंमेंपूजाकरनेकेसाथ-साथमांदुर्गाकेभजनगाएतथाकथापढ़ी।गांवमेंमहिलाओंनेमंदिरोंकेअलावासांझीकेआगेदीपप्रज्ज्वलितकरलोकगीतगाए।ग्रामीणमंदिरोंपरतोमहिलाओंनेडंडोतीभीदी।
मैंनेसुबहसबसेपहलेअपनेघरपरबनाएगएदेवीकेदरबारमेंमांदुर्गाकीपूजाकी।उसकेबादमैंमंदिरगईतथावहांपूजाकी।मांब्रह्माचारिणीकीकथाभीसुनी।
मैंनेनवरात्रकेसभीव्रतशुरूकिएहैं,व्रतकाआजदूसरादिनहै।मैंनेअपनेघरपरमांदुर्गाकीपूजाकीहै।व्रतकेदौरानपरिवारकीखुशहालीकेलिएकामनाकरूंगी।
नवरात्रमेंजोलोगव्रतरखकरमनसेमांदुर्गाकीपूजाकरतेहैं,मातारानीउनकीखुशियोंसेझोलीभरदेतीहै।मैंनेभीमाताकेव्रतरखेहैंऔरपूजाअर्चनाकररहीहूं।
व्रतकोमनसेरखनाचाहिए,केवलदिखावेकेलिएनहीं।व्रतकेदौरानमनकोस्वच्छरखनाचाहिएऔरकेवलमातारानीकाभजनध्यानकरनाचाहिए।
मांब्रह्माचारिणीज्ञानकीदेवीभीहै।उनकीपूजाकरनेसेज्ञानबढ़ताहै।ब्रह्माचारिणीदेवीकास्वरूपज्योतिर्मयऔरअत्यंतभव्यहैं।मांकेदाहिनेहाथमेंजपकीमालाहैऔरबाएंहाथमेंकमंडल।ऐसीमान्यताहैकिमांब्रह्माचारिणीकीपूजाऔरसाधनाकरनेसेकुंडलीशक्तियांजागृतहोतीहैं।
-राकेशशास्त्री,पुजारीखोंटामंदिर