प्रदीपश्रीवास्तव,गोरखपुर।सम्पूर्णजगतकोसमभावसेअपनेप्रकाशसेआलोकितकरनेवालेभगवानभाष्करकेअयनपरिवर्तनकेपर्वमकरसंक्रांतिकीचहुंओरधूमहै।हरबड़ेमामलेपरमुखररहनेवालेट्विटरयूजर्सभीइसपर्वकोलेकरआनंदितहैं।यूँतोमकरसंक्रान्तिदेशकेविविधक्षेत्रोंमेंअलग-अलगरूपमेंमनायाजाताहै,परआजट्विटरपरउत्तरप्रदेशकेमुख्यमंत्रीयोगीआदित्यनाथकेगृहनगरमेंलगनेवालाखिचड़ीमेलाछायाहुआहै।नाथपंथकेगुरुशिवावतारीगोरक्षनाथकोखिचड़ीचढ़ानेआयेश्रद्धालुओंकीओरसे#आस्थाकीखिचड़ीहैशटैगकेसाथलोगोंकोपर्वकीशुभकामनाएंदीजारहीहैं।सुबहकरीबआठबजेसेहीट्विटरपर#आस्थाकीखिचड़ीट्रेंडकररहाहै।
सीएमनेभीकियाट्वीट
सीएमयोगीनेभीएककेबादएककईट्वीटकरतेहुएश्रद्धालुओंकोशुभकामनाएंदींहैं।योगीनेलिखाकिव्रतोंऔरपर्वोंकीहमारीलम्बीवैविध्यपूर्णपरम्परामेंमकरसंक्रान्ति(खिचड़ी)काविशिष्टमहत्त्वहै।
लोकआस्थाकेइसमहापर्वकीसमस्तदेशवासियोंकोशुभकामनाएं।शिवावतारीमहायोगीगुरुगोरक्षनाथजीसेप्रार्थनाहैकियहपर्वहमारेराष्ट्रीयवसांस्कृतिकजीवनमेंसमृद्धतालेकरआए।मकरसंक्रांतिकेइसपर्वकोअलग-अलगराज्योंमेंस्थानीयतरीकोंसेमनायाजाताहै।पर्वआयोजनकेरूपभलेहीभिन्न-भिन्नहों,परयहसभीसमरूपहोकर'एकभारत-श्रेष्ठभारत-समृद्धभारत'कीसंकल्पनाकेप्रतीकबनतेहैं।
उत्तरप्रदेशकेसूचनानिदेशकशिशिरनेभीसूर्यकेउत्तरायणहोनेपरशुभकामनाएंदीं।उन्होंनेलिखा-मकरराशिमेंप्रवेशकररहाउत्तरायणकासूर्यआपकेस्वप्नोंकोनयीऊष्माप्रदानकरे,आपकेयशएवंकीर्तिमेंउत्तरोत्तरवृद्धिहो,आपपरिजनोंसहितस्वस्थरहें,दीर्घायुहों,यहीकामनाहै।सूर्यकीऊष्मासेसभीनकारात्मकऊर्जाखत्महीऔरसकारात्मकऊर्जाबढ़े।#आस्थाकीखिचड़ी।
सीएमयोगी नेकीपूजाअर्चना
मुख्यमंत्रीनेबाबागोरखनाथसेमांगीदेशऔरप्रदेशकेसुख,शांतिऔरसमृद्धिकीमन्नतइससेपहलेमुख्यमंत्रीयोगीआदित्यनाथनेबतौरपीठाधीश्वरमकरसंक्रांति(15जनवरी)कोगोरखपुरस्थितगोरखनाथमंदिरमेंसदियोंपुरानीपरंपराकानिर्वहनकिया।तड़केकरीबतीनबजेमंदिरकाकपाटखुलतेहीविधिवतपूजनअर्चनकेसाथपीठाधीश्वरनेबाबागोरखनाथकोपहलीखिचड़ीचढ़ायी।साथहीदेशएवंप्रदेशकीसुख,समृद्धिऔरशांतिकीमन्नतमांगी।
परंपराकेअनुसारतुरंतबादनेपालकेराजाकीओरसेआयीखिचड़ीचढ़ी।इसकेबादतोलाखोंकीसंख्यामेंआयेश्रद्धालुओंनेबाबाकीजयघोषकेसाथखिचड़ी(चावल-दाल)कीबरसातकरदी।फर्कसिर्फयहरहाकिदोपहरतकदूर-दराजसेआयेलोगोंकीसंख्याअधिकथीऔरदोपहरबादशहरीलोगोंकी।यहसिलसिलादेरराततकजारीरहेगा।
मंदिरमेंदिखाआस्था,भक्तिऔरअपनेपनकासंगम
मुख्यमंत्रीयोगीआदित्यनाथकापूरासमयश्रद्धालुओंऔरखासकरअपनेशहरकेअपनोंकेहीबीचहीगुजरा।हरमिलनेवालोंसेपहलेकीहीतरहउन्होंनेप्रसादकेरूपमेंलइया-तिललेनेकाआग्रहकिया।दोपहरबादहजारोंलोगोंकेसाथसहभोजमेंभीशामिलहुए।मुख्यमंदिरकापरिसरबुधवारकोआस्था,भक्तिऔरअपनेपनकेसंगमकेरूपमेंदिखा।सोमवारकीरातसेहीशहरकेसारेरास्तोंपरचलनेवालोंकागंतव्यमंदिरहीथा।
माहभरचलताहैखिचड़ीमेला,देशभरसेआतेहैंलाखोंश्रद्धालु
मंदिरपरिसरमेंमकरसंक्रांतिसेशुरूखिचड़ीमेलाकरीबएकमहीनेतकचलताहै।इसदौरानपड़नेवालेहररविवारऔरमंगलवारकाअपनामहत्वहै।इनदिनोंवहांपरभारीसंख्यामेंश्रद्धालुखिचड़ीचढ़ानेआतेहैं।चूंकियहउत्तरभारतकेबड़ेधार्मिकआयोजनोंमेंसेएकहै।लिहाजाखिचड़ीमेलेमेंपूरेउत्तरभारतसेलाखोंकीसंख्यामेंलोगआतेहैं।इसमेंसेअधिकांशनेपाल-बिहारवपूर्वांचलकेदूर-दराजकेइलाकोंकेलोगहोतेहैं।कुछबाबासेमांगीमन्नतपूरीहोनेपरअपनीआस्थाजतानेआतेहैंऔरकुछमन्नतमांगने।यहसिलसिलासदियोंसेजारीहै।
सदियोंपुरानीहैखिचड़ीचढ़ानेकीपरंपरा
गोरखनाथमंदिरमेंखिचड़ीचढ़ानेकीपरंपरासदियोंपुरानीहै।किदंवतियोंकेअनुसारत्रेतायुगमेंअवतारीऔरसिद्धगुरुगोरक्षनाथभिक्षाटनकेदौरानहिमाचलकेकांगड़ाजिलेकेप्रसिद्धज्वालादेवीमंदिरगये।देवीप्रकटहुईंऔरगुरुगोरक्षनाथकोभोजनकाआमंत्रणदिया।वहांकेतामसीभोजनकोदेखकरगोरक्षनाथनेकहामैंतोभिक्षाटनसेमिलेचावल-दालकोहीग्रहणकरताहूं।इसपरदेवीनेकहाकिमैंचावल-दालपकानेकेलिएपानीगरमकरतीहूं।आपभिक्षाटनकरचावल-दाललाएं।गुरुगोरक्षनाथवहांसेभिक्षाटनकरतेहुएहिमालयकीतराईमेंस्थितगोरखपुरआगये।वहांउन्होंनेराप्तीऔररोहिणीनदीकेसंगमपरएकमनोरमजगहपरअपनाअक्षयभिक्षापात्ररखाऔरसाधनामेंलीनहोगये।इसबीचखिचड़ीकापर्वआयाएकतेजस्वीयोगीकोध्यानमग्नदेखकरलोगउसकेभिक्षापात्रमेंचावल-दालडालनेलगे,परवहतोअक्षयपात्रथा।लिहाजाभरनेसेरहा।लोगइसेसिद्धयोगीकाचमत्कारमानकरअभिभूतहोगये।तबसेगोरखपुरमेंबाबागोरखनाथकोखिचड़ीचढ़ानेकीपरंपराचलीआरहीहै।