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कोडरमा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार कोडरमा की ओर से रविवार को व्यवहार न्यायालय परिसर में स्थित जिला न्याय सदन के सभागार में मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव मिथिलेश कुमार सिंह ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज मध्यस्थता वादों के निष्पादन का सबसे सशक्त माध्यम हो गया है। मध्यस्थता वादों के निष्पादन की वह प्रक्रिया है जिसमें दोनों पक्षों की आपसी सहमति के आधार पर निर्णय किया जाता है और दोनों पक्ष उस निर्णय से संतुष्ट रहते है। उन्होंने इस कार्यक्रम की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को मध्यस्थता के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देना तथा लोगों को मध्यस्थता के प्रति आकर्षित करना ही मुख्य उद्देश्य है। इस कार्यक्रम में अधिवक्ता एवं पारा लीगल वोलेंटियर को शामिल किया गया है तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकार कोडरमा के प्रशिक्षित मध्यस्थों के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षण देकर मध्यस्थता से संबंधित पहलुओं की जानकारी दी गई। मध्यस्थ निरंजन प्रसाद व सुरेश कुमार ने सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 89 के विशेष प्रावधानों तथा वैकल्पिक विवाद निबटारे के प्रकार, मध्यस्थता की परिभाषा एवं अवधारणा, मध्यस्थता के लाभ मध्यस्थता एवं अन्य प्रक्रियाओं में अंतर आदि विषयों पर विशेष प्रकाश डाला। मौके पर न्यायालयकर्मी रणजीत कुमार सिंह, राज कुमार राउत, संतोष कुमार सिंह सहित अधिवक्ता गण एवं पारा लीगल वालेंटियर मौजूद थे।